अब बिना नक्शा पास कराए बन सकेंगे छोटे घर
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By Admin
Published - 18 April 2025 565 views
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के नागरिकों को भवन निर्माण से जुड़ी वर्षों पुरानी जटिलताओं से राहत देते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य सरकार ने भवन निर्माण उपविधियों (बायलॉज) में व्यापक बदलाव किए हैं, जिनका उद्देश्य न केवल आम आदमी को राहत देना है बल्कि नक्शा पास कराने के नाम पर होने वाले शोषण और धन उगाही पर भी पूरी तरह लगाम लगाना है।
छोटे प्लॉट पर घर बनाने वालों को नक्शे की बाध्यता से मुक्ति
नई व्यवस्था के तहत अब 1000 वर्गफीट (करीब 93 वर्गमीटर) तक के प्लॉट पर मकान बनाने के लिए किसी भी प्रकार के नक्शा पास कराने की आवश्यकता नहीं होगी। वहीं 5000 वर्गफीट तक के प्लॉट के लिए केवल आर्किटेक्ट का प्रमाण पत्र पर्याप्त होगा, जिससे छोटे और मध्यमवर्गीय परिवारों को काफी राहत मिलेगी।
पुराने नियमों में बड़ा बदलाव, वेबसाइट पर नए बायलॉज उपलब्ध
उत्तर प्रदेश आवास भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2008 को संशोधित कर अब “उपविधि 2025” के रूप में लागू किया गया है। यह बदलाव राज्य के आवास विभाग की वेबसाइट पर विस्तृत रूप में उपलब्ध है, जिसमें ढाई सौ से अधिक पृष्ठों में नई प्रक्रियाएं और दिशा-निर्देश शामिल हैं।
एनओसी के लिए तय हुई समयसीमा, देरी पर स्वीकृति मानी जाएगी
मानचित्र पास कराने के लिए अब विभिन्न विभागों को समयबद्ध सीमा के भीतर अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) देना होगा। विभागों को 7 से 15 दिनों के भीतर यह कार्य पूरा करना होगा। निर्धारित समय में कार्रवाई न होने की स्थिति में एनओसी स्वतः स्वीकृत मानी जाएगी, जिससे अनावश्यक देरी समाप्त होगी।
कम जगह में अपार्टमेंट और अस्पताल की मंजूरी भी आसान
अब तक अपार्टमेंट बनाने के लिए 2000 वर्गमीटर की जमीन आवश्यक होती थी, लेकिन अब केवल 1000 वर्गमीटर क्षेत्रफल पर भी बहुमंजिला आवासीय परियोजनाएं विकसित की जा सकेंगी। साथ ही अस्पताल व व्यावसायिक भवन के लिए 3000 वर्गमीटर प्लॉट पर्याप्त होगा, जिससे शहरी विकास को गति मिलेगी।
बिना अलग अनुमति के घर में चलेगा क्लिनिक, ऑफिस और होमस्टे
नई नीति के तहत अब मकान के 25% हिस्से में नर्सरी, क्रेच, होमस्टे या प्रोफेशनल दफ्तर जैसे डॉक्टर का क्लिनिक, वकील का कार्यालय, आर्किटेक्ट या सीए का ऑफिस संचालित किया जा सकता है। इसके लिए अब मानचित्र में अलग से उल्लेख करने की बाध्यता नहीं होगी।
बदल गईं ऊंचाई की सीमाएं, फ्लोर एरिया रेशियो भी बढ़ाया गया
सरकार ने बिल्डिंग की ऊंचाई पर लगी पाबंदियों को भी हटा दिया है। 45 मीटर चौड़ी सड़कों पर अब इमारतें कितनी भी ऊंची बनाई जा सकती हैं। इसके साथ ही फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) को 3 गुना तक बढ़ा दिया गया है, जिससे अधिक निर्माण की अनुमति मिल सकेगी।
रिहायशी क्षेत्रों में भी खुलेगा कारोबार का रास्ता
इस बदलाव से रेजिडेंशियल ज़ोन में भी कॉमर्शियल गतिविधियों की मंजूरी मिल गई है। 24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर अब आवासीय भूखंडों में दुकानें और दफ्तर खोलने की छूट होगी। वहीं संकरी सड़कों पर रहने वाले पेशेवरों को भी अपने निजी क्लीनिक या दफ्तर खोलने की सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री योगी का विजन: पारदर्शिता और सुलभता
आवास विभाग के प्रमुख सचिव पी. गुरु प्रसाद ने बताया कि यह बदलाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी, भ्रष्टाचारमुक्त और जन-उपयोगी शासन व्यवस्था का हिस्सा है। इसका उद्देश्य आम नागरिक को स्वाभिमान और सुविधा के साथ अपना घर और व्यवसाय स्थापित करने में मदद करना है।
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