खनन के खरदूषण : रायल्टी घोटाले में अरविंद मौर्या मोहरा मात्र
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By Admin
Published - 10 April 2025 186 views
मास्टर माइंड आठवीं पास गुलाब मौर्या तो नहीं ?
सोनभद्र, अहरौरा/मिर्जापुर। रायल्टी घोटाले में अहरौरा नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन गुलाब मौर्या का नाम भले ही नहीं है, लेकिन इसका मास्टर माइंड होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। इस मामले में उसके दाहिने हाथ कहे जाने वाले छोटे भाई अरविंद मौर्या नामजद हैं।
एक खदान में मुंशी का कार्य करने वाले गुलाब मौर्य इनके नाम-उनके नाम वाली करीब डेढ़ दर्जन पत्थर की खदानों एवं कई क्रशर प्लांट के संचालक ऐसे ही नहीं बन गए।
ऊपर से आलीशान कोठी ऐसी कि वाराणसी शक्तिनगर मार्ग पर यात्रा करने वालों की नजर पड़ ही जाती है और उनके मुंह से बरबस ही निकल पड़ता है-वाव! घर हो तो ऐसा।
दबी जुबान से लोग चर्चा तो पहले से ही करते थे कि दो नंबर का काम किए बिना इतनी जल्दी कोई कैसे इतने रुपये कमा सकता है। लेकिन सोनभद्र जिले के ज्य़ेष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने राबर्ट्सगंज कोतवाली में अहरौरा कोइरान बस्ती के अरविंद मौर्य पुत्र पारस नाथ मौर्य सहित 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई तो चर्चा-ए-आम होने लगी कि आखिर भेद खुल ही गया कि कहां से आए इतने रुपये।
अरविंद मौर्य नगर पालिका परिषद अहरौरा के पूर्व चेयरमैन गुलाब मौर्या का भाई है। इस पर आरोप है कि फर्जी परमिट के सहारे डोलो स्टोन का परिवहन कराकर रायल्टी की चोरी करता है।
इसके सिंडिकेट में कई और हैं। ज्येष्ठ खान अधिकारी शैलेद्र सिंह ने एफआईआर में कहा है कि गत 30 मार्च को राबर्ट्सगंज कोतवाली अंतर्गत लोढ़ी टोल प्लाजा के पास खनिज लदे वाहनों की जांच की जा रही थी।
जांच के दौरान डोलो गिट्टी लदे ट्रक को रोका गया तो उसके चालक ने जो अभिलेख प्रस्तुत किया, वह जांच करने पर पता चला कि इस वाहन के लिए वह परमिट निर्गत ही नहीं किया गया था। वह मिर्जापुर से संबंधित था। उसे कूटरचित तरीके से फोटोशॉप से एडिट किया गया था।
ऑनलाइन के माध्यम से जांच करने पर पाया गया कि उस सिक्योरिटी पेपर पर प्रिंट परिवहन प्रपत्र एमएस माइनिंग वर्क्स संजय कुमार केशरी बिल्ली मारकुंडी गंतव्य स्थान गाजीपुर अंकित है। जबकि मूल परिवहन प्रपत्र में जनपद सीतापुर के लिए निर्गत किया गया था।
वाहन चालक ने पूछताछ में बताया कि वाहन मालिक के कहने पर अंकित तिवारी द्वारा एसएन मिश्रा स्टोन क्रशर बिल्ली मारकुंडी से गिट्टी भराई गई। वहां कहा गया कि रास्ते में रायल्टी पेपर आकाश केशरी द्वारा दे दिया जाएगा।
आकाश केशरी और अंकित तिवारी ने प्रीत नगर चोपन में रायल्टी पेपर दिया। यह सही है या गलत, उसे जानकारी नहीं है।
चूंकि जांच में पाया गया कि वह परमिट मिर्जापुर से संबंधित था, सो सोनभद्र के ज्येष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने मिर्जापुर जिला खनन अधिकारी से विस्तृत विवरण मांगा। मिर्जापुर के खान अधिकारी ने अपनी आख्या में बताया है कि संबंधित सिक्यूरिटी पेपर की जांच विभागीय पोर्टल पर किए जाने के बाद पाया गया कि उसे प्रेमनाथ यादव पुत्र जमुना प्रसाद निवासी मनोहरपुर पहरा मिर्जापुर के पक्ष में उप खनिज सैंड स्टोन गिट्टी के लिए निर्गत है।
यह सिक्यूरिटी पेपर मोबाइल नंबर डिलीवरी पता 123, भरुहना मिर्जापुर पर मंगाया गया है। प्रेमनाथ यादव के पक्ष में मिर्जापुर के सदर तहसील के जरहा कंतित में खनन का पट्टा है। इस पट्टा का अवधि 28 नवंबर 2023 को ही समाप्त भी हो चुकी है।
गुलाब मौर्य के छोटे भाई अरविंद मौर्या का नाम कैसे आया एफआईआर में जरहा कंतित वाली खनन लीज में परिवहन प्रपत्र निर्गत किए जाने के लिए मोबाइल नंबर तथा ईमेल आईडी arvindjmb8787@gmail.com दर्ज है।
जानकारी करने पर पता चला कि परिवहन प्रपत्र निर्गत किए जाने के लिए प्रयुक्त मोबाइल नंबर ओम बाबा क्रशर प्लांट डगमगपुर के मालिक पहिती लहौरा निवासी प्रशांत कुमार सिंह तथा ईमेल आईडी arvindjmb8787@gmail.com कोईरान टोला अहरौरा निवासी अरविंद मौर्या का है।
जांच में यह भी पता चला है कि सिक्यूरिटी पेपर प्रशांत कुमार सिंह द्वारा सुबोध पाठक हाईडिल कॉलोनी चोपन सोनभद्र व आकाश केशरी खैरटिया ओबरा सोनभद्र को दिया जाता है, जिसे राहुल पांडेय वीआईपी रोड डिग्री कॉलेज बिल्ली ओबरा सोनभद्र तथा अंकित तिवारी महलपुर जुगैल सोनभद्र के सहयोग से कूटरचित फोटो शॉप से एडिट कर बिल्ली मारकुंडी से गिट्टी ढोने वाले ट्रकों को दिया जाता है।
इस तरह से ये लोग मिलकर सरकारी राजस्व को क्षति पहुंचा रहे हैं। एफआईआर दर्ज कर पुलिस अपनी जांच में जुट गई है। देखा जाए तो इस गिरोह का सरगना अरविंद मौर्य ही है। जो अहरौरा नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन का भाई है।
गुलाब मौर्य के फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी आज के समय में हर बिकाऊ को खरीदने की क्षमता वाले गुलाब मौर्य ने खदान में काम किया। वहां से प्राप्त अनुभव के आधार पर एक-एक कर करीब डेढ़ दर्जन खदानों की लीज हासिल कर ली। ट्रक खरीदे।
धन हुआ तो 7 कटर प्लांट तथा 4 बड़े क्रशर प्लांट सहित 3 पेट्रोल पम्प के अलावा कई ट्रक, डंपर, हाईवा, जेसीबी, पोकलैंड, किरान, लोडर तथा दर्जन भर छोटी लग्जरी वीआईपी गाड़ियों की कतार लगा ली तो राजनीति का चस्का भी लगना लाजमी था।
पहले अहरौरा नगर पालिका परिषद में सभासद बने। उनकी पत्नी भी सभासद बनीं। बसपा से राजनीति की शुरुआत करने वाले गुलाब मौर्य नगर पालिका परिषद के चेयरमैन भी बने।
चंदा भी खुलकर देते हैं। किसी मंदिर की बात हो या मस्जिद की। कोई मांगने आता है तो गुलाब मौर्य के दरवाजे से खाली हाथ नहीं लौटता। खुद भले ही कक्षा आठ तक की पढ़ाई की, लेकिन बेटे-बेटी को चिकित्सक बनाया। दामाद भी डॉक्टर ही खोजा है।
बाद में मड़िहान के विधायक रमाशंकर सिंह पटेल के नेतृत्व में भाजपा को ज्वाइन कर लिया। क्या गुलाब भी इसकी चपेट में आ जाता हैं।
इस बारे में गुलाब मौर्य से उनका पक्ष जानने का प्रयास उनके नंबर पर किया गया, दो बार काल किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। यदि वह अपना पक्ष बाद में रखते हैं तो उनके पक्ष के साथ खबर अपडेट कर दी जाएगी।
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