रेलवे विभाग के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन
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By Admin
Published - 03 June 2025 12 views
कूट रचित दस्तावेज के तहत किसानों की जमीन कर रहे कब्जा आरोप
जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर बुलंद की आवाज
सोनभद्र। किसान व आम जनता, ग्राम पंचायत मारकुण्डी व राजस्व ग्राम अवई, विकास खण्ड व तहसील - राबर्ट्सगंज, तेरा वीडियो ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में रेलवे विभाग के मनमानी तरीके से कब्जा किए जाने के विरोध में विरोध प्रदर्शन करते हुए जताया आक्रोश सौंपा पत्र लगाई न्याय की गुहार।
नेतृत्व कर रहे ग्राम प्रधान उधम सिंह यादव ने बताया कि प्रार्थीगण ग्राम पंचायत मारकुण्डी व इसके अन्तर्गत राजस्व ग्राम- अवई, के कृषकगण हैं। वर्तमान समय में हम प्रार्थीगण के ग्राम पंचायत मारकुण्डी में चकबन्दी प्रक्रिया चल रही है, जिसके तहत सर्वे व तरमीम का कार्य किया जा रहा है।
दौरान चकबन्दी सर्वे रेल विभाग के अधिकारियों द्वारा आजादी के महज सात साल बाद वर्ष 1954 का हस्तलेखीय नक्शा लेकर चकबन्दी प्राधिकारियों के साथ रेलवे की जमीनों की शिनाख्त करायी जा रही है, जो राजस्व विभाग के वर्तमान अभिलेखों के बिल्कुल भिन्न है।
स्थिति यह है कि हम ग्रामीणों के पुश्तैनी जमीनों, जिसमें प्रार्थीगण की कई पीढ़ियों से खेती-बारी होती चली आ रही हैं, उन्हें भी रेलवे विभाग द्वारा अपनी जमीन के रूप में शिनाख्त किया जा रहा है।
इसका विरोध करने पर रेलवे विभाग के अधिकारी मय फोर्स द्वारा हम किसानों को धमकी आदि दी जा रही है और जबरिया हम किसानों की जमीन को बलपूर्वक अपना बताते हुए घेरा जा रहा है।
इतना ही नहीं रेलवे विभाग के सम्बन्धित अधिकारीगण जल्दबाजी में सम्बन्धित जमीन में पक्का निर्माण करने हेतु दिन-रात जे०सी०बी० से कहीं गड्ढा खोदा जा रहा है, तो कहीं पक्की बाउण्ड्रीवाल बनाने के लिए निर्माण सामग्री गिरायी जा रही है। इसके अलावा ग्राम पंचायत के विभिन्न पुश्तैनी रास्ते को भी घेरकर बन्द किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि दौरान चकबन्दी बिना बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी की अनुमति से कोई पक्का/स्थाई निर्माण नहीं कराया जा सकता है। इसके विपरीत रेलवे विभाग के सम्बन्धित अधिकारीगण मनमानेपूर्ण तरीके से नियमों व कानूनों को ताक पर रखकर पक्का निर्माण कराने हेतु गड्ढा आदि खोदा जा रहा है, जिससे कालान्तर में हम किसानों को वाद बाहुलता का सामना पड़ सकता है और हम किसानों की क्षति सम्भावित है।
इसके अलावा मौजा मारकुण्डी व अवई में ऐसे तमाम नम्बरान हैं, जो मिनजुमला है, ऐसे नम्बरों में किसानों व रेलवे की संयुक्त रूप से भूमि है, ऐसी जमीनों को भी रेलवे विभाग कब्जा कर घेरने की फिराक में पड़ा है. जबकि नियमानुसार जब तक चकबन्दी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो जाती है और मिनजुमला गाटों का विधिक विभाजन नहीं हो जाता, रेलवे विभाग को किसी भी भूखण्ड को घेरा जाना कत्तई न्यायोचित नहीं है।
रेलवे विभाग की इन कारस्तानियों में चकबन्दी प्राधिकारियों द्वारा पूरा सहयोग दिया जा रहा है और रेलवे द्वारा किये जा रहे निर्माण पर भी कोई आपत्ति नहीं की जा रही है, जिससे हम किसानों की घोर क्षति सम्भावित है।
हम किसानों द्वारा प्रकरण की सूचना रेलवे विभाग सहित अन्य सम्बन्धित विभागों को पूर्व में दी गयी, परन्तु प्रार्थीगण द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
इसके विपरीत रेलवे विभाग अपने नाजायज मंसूबों को पूर्ण करने का प्रयास तेज कर दिया है और दिन-रात जे०सी०बी० का प्रयोग कर निर्माण कार्य करने की फिराक में पड़ा हुआ है।
ऐसी स्थिति में दौरान चकबन्दी रेलवे विभाग को बिना अनुमति किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने से तत्काल रोका जाना आवश्यक एवं न्यायसंगत है।
वहीं ग्रामीण व किसानों ने बताया कि दौरान चकबन्दी रेलवे विभाग को बिना अनुमति किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य करने से तत्काल रोकने का आदेश देने की कृपा की जाय, ताकि न्याय हो।
इस मौके पर हरगोविंद संजय महेंद्र बृजेश सुखराज दीपक हेमनाथ सहित आदि लोग मौजूद रहे ।
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